स्मार्टफोन एक जाल
रचनाकार अविनाश पाण्डेय
स्मार्ट-फोन है इसका नाम,
करता है सबका काम-तमाम।
भूख प्यास निकट नहीं आता, यह यंत्र जब हाथ में आता।
इस यंत्र की है खूब विशेषता, छाया-चित्र को माया-चित्र में बदलता।
काले को भी गोरा बना दे,
अच्छे को भी बुरा बना दे।
जो कोई इसके गुण गावे, मनवांछित को दूर से पावे।
कल क्या होगा आज ही जाने, हर सुख-सुविधा घर बैठे पालें।
ऑनलाइन बैंकिंग पेमेंट भी है कराता,
कैश देने से है ये बचाता।
अमीर को भी है कंगाल बनाता, माया-मोह की जाल में फंसाता।
अगर जीवन में सफल बनना है, तो दूरभाष यंत्र को दूर रखना है।
आओ मिलकर ले संकल्प,
इसको दूर रखना ही हो एकमात्र विकल्प।।
रचनाकार अविनाश पाण्डेय